मेरी आंखों के सामने
एक पर्दा पड़ा है
लम्बी लम्बी लकीरों को जोड़ता
हुआ
सारी लकीरें
एक रंग की
एक आकार की
एक प्रकार की
एक सी हैं
शिकार हैं यह सभी
खराब तकदीर की
किस्मत की मारी हैं
बेचारी हैं लेकिन
अभी भी
इस जमाने से शिकस्त
बेशक है खाई लेकिन
हालातों से जूझ रही
संघर्ष कर रही
कहीं से यह न हारी हैं।