न रास्ता है
न कोई दिशा
दिखती है एक रोशनी और
चारों तरफ मेरा खुदा
आज इस पल में
जहां मैं खड़ी हूं
वहां तक तू ही तो मुझे लाया है
इन हवाओं की बहती खुशबुओं में
तू ही समाया है
एक तू ही तो है
जिसे मैंने हर पल
हर जगह ही पाया है
तू मुझे कितना प्यार करता है
मेरा बिना कहे कितना ख्याल रखता है
कैसे उतारूंगी यह तेरा कर्ज मैं
शायद जुदा हो जाऊंगी जिस दिन
खुद से
पा लूंगी उस दिन पूर्ण रूप से
तुझे।