एक उपवन की
हम दो कलियां
कलियां सखियां
सखियां परियां
एक जंगल की
हम दो चिड़िया
चिड़िया गुड़िया
गुड़िया
प्रेम के धागे से बंधी दो लड़ियां
दिल में हमारे
प्रेम ही प्रेम भरा
नहीं नफरत की एक भी चिंगारी
हम एक दूसरे के लिए
पूरी एक दुनिया
नहीं हमारे मन का कोई कोना
प्यार के एक पल से खाली
हमें न किसी का इंतजार
न कहीं जाने की हमारी तैयारी
हम तो एक दूसरे का हाथ
पकड़ बस
फूलों पर तितलियों सी मंडरायें
यही हमारा जीवन
यही हमारा खेल
यही हमारा लक्ष्य
जमीन पर बिछे फूलों भरे रास्तों से
हम गुजरें
नहीं आसमा के चांद सितारों के पार
जाने की अभी हमारी खुदा से कोई गुजारिश।