वक्त बदलता है
करवट लेता है तो
किसी व्यक्ति के नजरिये या
सोच को बदल देता है
मेरी पहली या आखिरी उम्मीद
अभी तक तो मेरे मां बाप ही थे
मेरे जीवन की सारी खुशियां
सारी हसरतें
सारी उम्मीदें उनसे ही बंधी थी
उनकी अनुपस्थिति में तो
उनकी यादों के सहारे ही जिंदा
रहा जा सकता है
वह मुझ पर निर्भर थे और
मैं उन पर
हम एक दूसरे का सहारा थे
एक दूसरे की उम्मीद थे
तीन जलते हुए दीये थे
जिसमें से दो तो बुझ गये
अब मैं जब यह दो नहीं तो
उम्मीद किससे बांधु
फिलहाल तो
खुद पर ही निर्भर कर सकती हूं
खुद से ही कुछ उम्मीद कर सकती हूं
खुद कुछ करने योग्य नहीं रहूंगी तो
फिर शायद मैं हो जाऊं
प्रभु के हवाले
वह जिसे भेजें मेरे पास
मेरी उम्मीद की किरण
बनाकर
यह तो उनका ही निर्णय होगा
लेकिन एक आखिरी उम्मीद तो
मैं भगवान से यह करूंगी ही कि
चाहे हर कोई मेरा साथ छोड़ दे
लेकिन वह मेरा साथ कभी न छोड़े।