किसी भी मनुष्य या प्राणी के लिए
उम्मीद की डोर अति आवश्यक है
अपनी जीवन रूपी पतंग को उड़ाने के लिए
डोर छोटी हो या बड़ी
सपने छोटे हों या बड़े
उद्देश्य छोटे हों या बड़े
कहीं कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन
जीवन जीने के लिए
इनका किसी भी रूप में,
किसी भी स्तर पर,
किसी भी मात्रा में होना आवश्यक है
इंसान क्या
भगवान भी निराश हो जायेगा गर
उसे अपने भक्तों से भक्ति का
अपनी ओर आता एक सच्चा,
शुद्ध व सरल प्रवाह न मिले
भक्त इस जीवन की जंग हार
जायेगा
हर कदम पर उसे प्रभु का आशीर्वाद और
अपनों का प्यार न मिले
यह संसार अंधकार में डूब जायेगा गर
हर सुबह को
उगते सूरज की सुनहरी किरणों के श्रृंगार का
उपहार न मिले
एक दूसरे की तरफ टकटकी लगाये ताकते हम सब जन
एक डोर में पिरोये हुए
एक दूसरे से बंधे
एक दूसरे को साधते
एक दूसरे से उम्मीद लगाते
असंख्य मोती हैं
यह मोतियों की माला कभी न टूटे
यह आस के दर्पण का तारा कभी न छूटे
यह आस्था का दीपक कभी न बुझे
इसी उम्मीद पर यह दुनिया टिकी है।