in

उम्मीद

जिंदगी में

सब कुछ छूट जाये पर

उम्मीद का दामन

किसी के हाथ से न छूटे

इस दुनिया के जालिम लोग

बात बात पर

आपका मनोबल गिराते हैं

आप एक कदम आगे बढ़ते हैं तो

आपको दस कदम पीछे खींचते हैं

आपको बंद कमरे में कैद करके रखते हैं

सांस भी लेने नहीं देते

जीने नहीं देते

कुछ भी आपके मन का करने नहीं देते

हर समय आपको बिना बात के रौंदना

चाहते हैं

दिल में खिलते गुलशन में आग लगाते हैं

कोई कुछ भी करे

चाहे कुछ हो जाये लेकिन

खुद से यह प्रण लेना है कि

उम्मीद का फूल

हमें हर पल खिलाना है

इसे मुरझाने नहीं देना है

यह सूखकर बिखरता है तो

तत्काल फिर एक और खिलाना है

खुद की मेहनत से ही खिलाना है

अपनी ही उम्मीदों का

एक फूलों से भरा गुलशन सजाना है

उसका माली भी खुद बनना है

उसका रखवाला भी खुद ही और

वह फूलों की बहारों से लदा रहे

इसी उम्मीद से उसे हमेशा

एक दुल्हन सा सजाते जाना है।