दिल उदास रहता है
अक्सर लेकिन
मेरे उदास रहने का कारण
मुझसे पूछता कौन है
किसे है फिक्र कि
मेरे बारे में थोड़ा भी जाने
मैं खुश हूं या रहती हूं उदास तो
उसका कोई उपाय खोजे
हल निकाले
मुझे झूठे को सही पर
पल भर के लिए अपना तो माने
बुरा समय किसी पर पड़ता है तो
अपने भी मुंह फेर लेते हैं
हौसला देना तो किसी को दूर की बात है
थोड़ा चलने की कोशिश करी तो
पैरों के नीचे से जमीन निकाल लेते हैं
जिन्दगी में उदासी का
नामो निशान न रहे गर
जिन्दगी में कम सही पर
अच्छे और सुलझे हुए समझदार
लोगों का साथ मिल जाये
उदासी का भाव तो मन के आकाश पर
छाये एक बादल सा है जो
कुछ समय तो अपने स्थान पर
बना रहता है पर
धीरे धीरे विलुप्त हो जाता है
उदासी तो है एक पतझड़ का
मौसम और वह भी
प्राकृतिक और लम्बा नहीं अपितु
अपने ही हाथों से पेड़ को हिलाकर
पत्तों को जमीन पर गिरा देने जैसा
यह सब इसलिए करना आवश्यक है कि
दिल के अनावश्यक बोझ कुछ कम हो जाये
मन को थोड़ी सी राहत मिले
और
वह कुछ समय के लिए एकाग्रचित
हो जाये
उदासी के बादल जो छंटेंगे तो फिर
एक उजला अधिक चमकीला
सवेरा देखने के लिए।