मेरे मां बाप
यह प्रकृति
एक साधारण मनुष्य
मेरे दोस्त, रिश्तेदार, जानकर
मेरा कोई भी शुभचिंतक
कोई अच्छी किताब, अखबार, पत्रिका या पाठन सामग्री
कहीं से कुछ महत्वपूर्ण ज्ञानवर्धक जानकारी कानों में पड़ जाना
यह सब अनगिनत प्रेरणा के स्रोत ही तो हैं
मन में कुछ सीखने की प्रबल इच्छा हो तो
प्रेरणा तो ऐसी किसी भी स्रोत से ग्रहण की जा सकती है
जीवित हो कोई या मृत
चेतन या अचेतन
क्रियाशील या निष्क्रिय
प्राकृतिक या अप्राकृतिक
सत्य या असत्य
संवेदनशील या असंवेदनशील
जानदार या बेजान वस्तुयें
असली या नकली
इनमें से कोई भी
प्रेरक हो सकता है
प्रेरित होना चाहते हो निरंतर तो
अपनी आंखें रखो खुली हुई,
जागरूक,
इच्छुक
इसे ग्रहण करने के लिए
इस जगत का हर कण है
प्रेरणाप्रद बशर्ते
मन का दरवाजा खुला रहे
प्रेरित खुद को करते रहने के लिए
हर क्षण।