मैं भी डायरी गर कहीं
लिखती होती तो
ठीक से बता पाती कि
कौन से साल की
कौन सी तारीख के
कौन से दिन
मैंने अपनी आखिरी रेलगाड़ी की यात्रा तय की थी
रेलगाड़ी
रेलगाड़ी की पटरी
रेलगाड़ी का सफर
रेलवे स्टेशन
रेलवे स्टेशन की कैंटीन
रेलवे स्टेशन की आलू पूड़ी और मिनरल वाटर की बोतल,
रेलवे स्टेशन की किसी स्टाल से खरीदा हुआ अखबार, पुस्तक, पत्रिका, जासूसी नॉवेल या
रेलवे का नया टाइम टेबल
रेलवे से जुड़ी हर गतिविधि,
हर क्रियाकलाप,
हर सामान
यात्रीगण
भीड़भाड़
वहां का शोरगुल
पता नहीं मुझे
डे वन यानी पहले दिन मतलब
जब से मैंने होश संभाला होगा
रोमांचित करता आ रहा है
रेलगाड़ी में यात्रा मैं
काफी समय से कर ही नहीं पा रही
आजकल सबके पास अपनी
गाड़ी है और
वह सुविधाजनक भी है
अपने शहर से
आसपास के शहरों की
छोटी मोटी यात्रायें तो मैं
जब तब अक्सर करती ही रहती थी
समय फिर कुछ मेरा
ऐसा विपरीत दिशा में बहा कि
जीवन में कुछ सामान्य रहा ही नहीं
मां बाप का सिर से साया
उठना
कोरोना काल की मार
परिवार में अपनों का
नाम भर का साथ
कोई जाये भी तो जाये कहां
कोई घर भी तो मिले
ठिकाना भी तो हो
जहां जाकर कोई सिर
छिपा पाये
एक आधे दिन को
मेरा किसी आखिरी रेलगाड़ी को
देखना या उसमें यात्रा करना
कई बरस पुरानी एक
भूली बिसरी याद सा लगता है
एक दर्द भरी दास्तान को
यहीं विराम देते हैं और
चलती हूं रेलवे स्टेशन की तरफ
जो भी रेलगाड़ी मिलेगी
उसमें बैठकर अपने देश की राजधानी दिल्ली तक घूम
आते हैं जो मेरे निवास स्थान से तो
बहुत ही पास है फिर
अपने शहर
अपने रास्तों और
अपने घर को
लौट आते हैं
उसी रेलगाड़ी में बैठकर।