यह रिश्ता निभाने की
अब मैं कोई कोशिश नहीं करूंगी
टूटता है तो टूटने दूंगी
इसे जोड़ने की मैं कोई अब पहल नहीं करूंगी
इन रिश्तों को निभाने की खातिर
झुकते झुकते
मेरी कमर ही टूट गई
रीड की हड्डी टेढ़ी हो गई
मेरे सपनों की सेज
जो बड़े अरमानों से सजाई थी
चकनाचूर हो गई
अब मैं वापिस दोबारा
सीधी सही सलामत खड़े होने की
स्थिति में नहीं आ पाऊंगी
बहुत विनती कर ली
बहुत नतमस्तक हो ली
अपने आत्म सम्मान को
बहुत ठेस पहुंचा ली
अब सिर से पानी पार हुआ
बस अब और नहीं
थक गई हूं मैं
और अब अंततः
अलविदा हमेशा के लिए मुरझाये हुए बेरंग से रिश्तों को।