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अपेक्षा

अपेक्षा करती हूं

मैं हर किसी से कि

वह जीवन के हर मोड़ पर

मेरे काम आयें

मुझे अपनायें

मुझे गले से लगायें

मेरे से सही प्रकार से व्यवहार करें

मुझे हंस कर अपने पास बुलायें

मुझसे प्यार भरी मीठी बातें करें

मेरा आदर सत्कार करें

मुझसे दिल खोलकर वार्तालाप करें

मुझे खुशी के उपहार दें और

अपने पास से विदा करें

यह वादा लेकर कि

वह जल्द ही मुझसे दोबारा मिलेंगे लेकिन 

जब बारी आती है मेरी तो

पूछना मुझसे नहीं अपितु

दूसरों से कि इन सब

जीवन की परीक्षाओं,

आयामों और समीकरणों में

मैं कितनी सफल हूं या

खरी उतरती हूं

मैं जैसी दूसरों से अपेक्षा रखती हूं

तो क्या मैं भी उनकी

अपेक्षाओं को थोड़ा बहुत पूरा कर पाती हूं।