एक स्थान पर
स्थिर बैठी हूं लेकिन
अंतर्मन में
एक सफर निरंतर जारी है
एक अनंत यात्रा पर निकली हुई हूं
जिसका न कोई पड़ाव है
न ही उसमें कहीं कोई ठहराव है
इस यात्रा में
सुख का अनुभव होता है
फूलों की वादियां मिलती हैं जो
तुम्हारे लबों को चूमती हैं
इनकी कोमलता तन को छूती है
मन में भरती है
आत्मा को तरती है
रोशन सितारों का एक जहां भी
मिलता है जो
दिल के हर कोने को
हजारों झिलमिलाते हुए
दीयों की रोशनीयों से भर
देता है
मुझे मेरे अपने बिछड़े हुए भी
मिल जाते हैं
एक धुएं भरे मोड़ पर
यही तो मेरी खोज थी
यही तो मैं पाना चाहती
मैं सच्चे प्यार की तलाश में ही
तो निकली थी
इस अनंत यात्रा में
चारों तरफ बस प्यार ही प्यार
बिखरा था
कहीं कोई घृणा नहीं
धोखा नहीं
शंका नहीं
प्यार बेशुमार था
यह तुम्हारे पर निर्भर
करता था कि
जितना तुम चाहो
उतना उसे समेट लो।