सूरज का
आसमान से बहता
एक सागर है
धरती की गोद
इसको भरती
एक गागर है
कहीं रंगों की चिलमन है
कहीं किरणों की झिलमिल
एक सुर में बंधे अरमान हैं और
कहीं संग मिलते हुए तन मन भी।
सूरज का
आसमान से बहता
एक सागर है
धरती की गोद
इसको भरती
एक गागर है
कहीं रंगों की चिलमन है
कहीं किरणों की झिलमिल
एक सुर में बंधे अरमान हैं और
कहीं संग मिलते हुए तन मन भी।
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