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मेरे लिए तो हर कोई खास

मेरे लिए तो

हर कोई ही खास है

अपनी अपनी तरह से

हर कोई मुझे तो प्यार करता है

अपना योगदान भी देता है

अपना सहयोग भी प्रदान करता  है

हर व्यक्ति एक सा नहीं तो

यह तो स्वाभाविक है कि

उसके कार्य को संपादित करने का तरीका भी अपने ढंग का होगा

हर किसी को मुझे तो ऐसा

लगता है कि हमेशा

धन्यवाद कहना चाहिए

यह मेरे लिए खास है

यह मेरे लिए आम है

इस तरह की सोच

मुझे नहीं भाती

मेरे लिए तो हर व्यक्ति

खास है बशर्ते

वह मेरे लिए हानिकारक न हो

मेरे सब खास अपनों के लिए

मेरी तरफ से फूलों के

सुगंधित गुलदस्ते की एक भेंट

स्वीकार करें

मेरे दिल में किसी के लिए

कोई भेदभाव नहीं

मेरे लिए सब एक समान

चाहे कोई फूल हो

चाहे हो कोई कांटा

रहते तो सब एक साथ

एक उपवन में

मैं उस उपवन की माली

मैं उन सबकी पहरेदार

रक्षक

सबका भला चाहती

सबको प्यार करती

सबको गले लगाती।