मातृत्व का सुख


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एक औरत का

हर सपना साकार होता है

वह पूर्णता को प्राप्त होती है

जब वह अपने बच्चे को जन्म देकर

मातृत्व का सुख प्राप्त करती है

वह प्रसव की पीड़ा को

भूल जाती है जब

उसका नवजात उसकी तरफ देखकर

मुस्कुराता है

कभी रोता है

कभी चीखता चिल्लाता है

कभी हाथ पैर इधर उधर फेंकता है

कभी सांस लेता है, कभी छोड़ता है

एक औरत की कोख से

एक नया जीवन उपजता है और

वह औरत मां बन जाती है

वह मां है

एक देवी है

जीवनदायिनी

अपने कलेजे के टुकड़े की

पालनहार

उसकी रक्षक

एक मां और उसके बच्चे के बीच का

रिश्ता होता है सबसे अनमोल

एक मां है

पृथ्वी पर भगवान का

ही कोई अनोखा रूप

एक मां का हृदय सदैव

धड़कता रहता अपने बच्चे के लिए

एक औरत मां बनकर

बन जाती इतनी विशाल कि

उसकी विशालता को मापने का

नहीं बना इस संसार में

अब तक कोई यंत्र और

औजार।


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