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प्रेम के धागे को

प्रेम के धागे को

तुम सबके दिलों से जोड़े रखना

कोई तुमसे रिश्ता तोड़ भी दे

तब भी तुम उसे हृदय से माफ कर देना और

रिश्ता कायम रखना

तुम अपने अंतर्मन में

एक प्रेम का संसार ही हर कोने में बसाये रखना

अमृत की धार का ही उसके हर बिंदु और कण कण में संचार करना

नकारात्मकता का न इस पर कहीं एक अंश भी प्रभाव पड़ने देना

विष की बूंदों का न यहां कहीं छिड़काव करना

अपने हृदय को तुम प्रेम की एक विशाल स्थली बनाये रखना

तुम एक महान मानव की प्रभु सदृश छवि ही सबके समक्ष प्रस्तुत करना

कोई वार तुम पर करे तो अपना बचाव करना

कुछ कदम पीछे हटना लेकिन उस पर न कोई पलटवार करना

असत्य, हिंसा और अत्याचार का दामन तुम कभी मत थामना

यह रास्ते तबाही की तरफ धकेलने वाले होते हैं

ऐसी विकृत मानसिकता से अंत में हाथ कुछ लगता नहीं

सब कुछ तहस नहस हो जाता है

कुछ भी उत्तम हासिल होता नहीं

प्रेम ही आधार है इस जीवन का

प्रेम ही ईश्वर की प्राप्ति का मार्ग और

हर प्राणी का करे यह उद्धार

यह छोटी सी बात जो समझ ले

मानव तो

स्वर्ग सा सुंदर बन जाये यह जग और उसका घर आंगन।