in

नये साल के पहले दिन

नये साल के पहले दिन

हर कोई खुशियां मना रहा है लेकिन

एक मैं हूं कि

मुझे जैसे हमेशा ही होता है

हर समय, हर पल होता है

तुम्हारी बहुत याद आ रही है

मेरा दिल ही ऐसा है कि

एक मोम की तरह यह पिंघला ही रहता है

मेरा इस पर या अपनी भावनाओं पर कोई

नियंत्रण नहीं फिर

मैं सोचती हूं कि

आखिर हो भी क्यों

किसी को दिल से प्यार करना या

याद करना

यह कोई गुनाह थोड़े ही ना है

ऐसे भी लोग किस काम के

जिनके दिल में किसी के लिए प्यार ही न बसता हो

सारी उम्र एक बनावटीपन लिए जीते हों और

ऐसे ही बिना प्यार के

बिना किसी को प्यार किए या याद किए 

एक बिना प्यार के 

जंगली हिंसक पशुओं सी मौत 

मर जाते हों।