जादू तेरी मौजूदगी का


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जादू तेरी मौजूदगी का

कुछ इस कदर था कि

अब तक बरकरार है

जादू फिर वह जादू ही क्या

जिसका नशा ताउम्र न रह सके

कायम

जादू हो तो ऐसा जो

सिर चढ़कर बोले

एक बार जो दिलो दिमाग पर छाये

वह फिर कभी न उतरे

जादू तो होना चाहिए

कुदरत का करिश्मा बिखेरता

एक कर्णप्रिय कोई मनोहारी दृश्य सा

बांध ले जो किसी को

खुद में इतना कि

वह अपनी पलकें झपकानी भी भूल जाये

जादू की गली से होकर जो कोई

गुजरे तो

रहस्य से पर्दे उठते जायें

लेकिन जो भी कुछ हो रहा हो

वह सम्भव हो कैसे पा रहा

यह बात समझ न आये

जादू के पिटारे में

कुछ सामान पर सामान्य सा

प्रतीत होने वाला भी होना चाहिए ताकि

कोई थोड़ी सी सांस ले सके

पल भर को विश्राम ले पाये

जीवन के सच से भी रूबरू हो पाये

हुस्न के जादुई जाल में

उलझे रहो चाहे हर समय

लेकिन कुछ पल खुद के लिए

सरल स्वभाव के भी

विद्यमान होने अति आवश्यक है।


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