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कोई न मिले तो

कोई न मिले तो 

खुद से बातें करो

खुद को सराहो

खुद की तारीफ करो

खुद को शाबाशी दो

खुद को प्रेरित करो

तन्हा हो, 

अकेले हो, 

एक हो तो

दर्पण में 

खुद की छवि देखो और 

एक से दो हो जाओ।