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एक मुस्कुराहट कातिलाना

यह रहस्य बहुत गहरा है लेकिन

इसे खोलने पर लगा हुआ

एक कड़ा पहरा है

इस रहस्य पर से पर्दा कभी उठ भी गया तो

जिसे इसे नहीं स्वीकारना तब भी

इसे सच नहीं मानेगा

इसे स्वीकारने में उसे हानि है

लाभ नहीं और

उसके जीवन की नैया डगमगाती है

कुछ रहस्य उजागर हों या

पड़े रहें उन पर उम्र भर पर्दे

कहीं किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता

अधिकतर तो नहीं पर

कुछ चंद मुट्ठी भर लोग होते हैं जो

इस रहस्य भरे खेलों के शिकार होते हैं

उनकी भेंट चढ़ते हैं

उनकी बलि चढ़ते हैं

यह उनकी किस्मत में लिखा होता है कि

उन्हें बिना कोई गलती किये भी

सजा भुगतनी होगी और

जो सच में होते हैं मुजरिम

कातिल

गुनहगार

इन सब घटनाक्रमों के लिए

जिम्मेदार

उनके रहस्यों पर तो हमेशा पर्दे

पड़े ही रहते हैं और

रहस्य कभी खुल भी जायें तो

न खुलने के बराबर ही वह होते हैं

पर्दे गिराकर तो

कभी पर्दे उठाकर

एक मुस्कुराहट कातिलाना

अपने शिकार का कत्ल

बदस्तूर करती ही रहती है।