एक बिगड़े हुए मस्त हाथी सा


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प्रेम जहां सच्चा है

वहां अहंकार एक पल के लिए नहीं ठहरता

जिन दो दिलों के बीच

प्रेम का बंधन कच्चा है

वहां अहंकार एक नाग सा

फन उठाये

हमेशा ही उस रिश्ते को

कुचलने

डसने

निगलने के लिए

उनके सिर पर तना हुआ

खड़ा ही रहता है

जिस पेड़ की जड़े होती हैं

मजबूत

उसे कोई तेज आंधी हिला

नहीं सकती

उसकी डाल पर अहंकार की

चिड़िया कभी

अपना घोंसला बना नहीं सकती  

जिस घर की नींव होती है

कमजोर

वह ढह जाता है किसी की

अपनी पलकों की चिलमन गिराने

भर से

एक प्रेमी हो

दूसरा अहंकारी तो भी

यह एक तरफा प्रेम का रिश्ता

नहीं चलेगा

प्रेम से यह संसार चले

अहंकार की आंधी जो चले तो

सब कुछ बर्बाद करे

सबको तबाह करे

प्रेम के भाव को जड़ से उखाड़कर

एक तरफ बेरहमी से फेंककर

उसे अपने पैरों से ही

एक बिगड़े हुए मस्त हाथी सा

कुचल कुचल कर

बुरी तरह से मार दे।


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