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आंखों में तैर रहा बस

समुंदर की मझधार

पानी की लहरों की धार

दूर दूर तक कोई किनारा नहीं

आंखों में तैर रहा बस

किश्ती का पानी की तरंगों पर

तैरता हुआ जैसे कोई

प्यार का अपार भंडार

सांझ होने पर भी

सूरज ढलने का नाम न ले जहां

ऐसा अद्भुत प्रेम से पूर्ण

यह सूरज की लालिमा से

लाल नारंगी सुनहरी

प्रेम के कणों से लिपटा

एक सुंदर अनोखा संसार।