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अगली सुबह होने तक

सोचा था कि

यह फूल अभी कुछ समय तक और खिला रहेगा

अपनी महक से सबको महकाता रहेगा 

राह चलते हर मुसाफिर को

अपनी सुंदरता से अपनी ओर

आकर्षित करके

अपने समीप बुलाता रहेगा

परायों को अपना

समझता रहेगा

हर किसी को आगे बढ़कर

गले लगाता रहेगा

यह फूल अपने यौवन के

चरम बिंदु पर था

इसकी सोच सकारात्मक थी और गतिविधियां सामान्य

कहीं से किसी को यह अंदेशा नहीं था कि अगली सुबह होने तक

यह नहीं रहेगा

इसके जीवन का अंत हो जायेगा

यह रात्रि में एक चिरस्थाई

विश्राम करेगा

अपने जीवन के अगले

प्रहर में कभी न उठने के लिए।