PRESS RELEASE
Journal of Asian Art, Culture and Literature (JAACL) and Asian Literary Society deliberate on “Challenges and Opportunities for Asian Literature in Years to Come” at their first annual lecture
Journal of Asian Art, Culture and Literature (JAACL) and Asian Literary Society hosted its first Annual Lecture by Dr. A. J. Thomas (Renowned Writer and Poet & Former Editor, Indian Literature, Sahitya Akademi) on 12th December 2020.
Mr. Manoj Krishnan (Editor-in-chief JAACL and Founder, Asia Literary Society) presided this much-awaited annual event. In his opening note, he outlined the ALS and JAACL’s mission of promoting Asian art, culture, and literature all over the world.
Speaking on the topic “Challenges and Opportunities for Asian Literature in Years to Come”, Dr. A. J. Thomas shared his experiences of editing the national literary journal, Indian Literature of Sahitya Akademi that helped him to develop a mental map of literature from the twenty-four national languages of India.
Being a Core Committee member of the SAARC Literature Association, FOCSWAL, and Honorary Fellow of South Korea’s Department of Culture Dr. A. J. Thomas has been familiar with the challenges faced by Asian Literature on Global platforms. He discussed it in detail during this annual lecture.
Dr. A. J. Thomas also spoke about the International and National Seminars organized by Sahitya Akademi, and other agencies over the last quarter-century, the International Writing Programme, and the Annual Conference of the American Writers Federations at Washington DC.
He shared his experiences of meeting with writers, intellectuals, and professionals of the expat communities in the USA and Europe that helped him to gauge the potential appeal of Asian Literature in the West.
In the end, Mr. Manoj Krishnan expressed heartfelt gratitude to Dr. A. J. Thomas for delivering the annual lecture and thanked the esteemed audience for their invaluable support.
The first annual lecture hosted by the Journal of Asian Art, Culture and Literature (JAACL) and Asian Literary Society™ received an overwhelming response from audiences from all over the world who applauded this literary initiative at the time of the coronavirus pandemic.
प्रेस विज्ञप्ति
जर्नल ऑफ एशियन आर्ट, कल्चर एंड लिटरेचर (जैकेल) एवं एशियन लिटरेरी सोसाइटी (एएलएस) द्वारा “आने वाले वर्षों में एशियाई साहित्य के लिए नयी चुनौतियाँ और नए अवसर” विषय पर वार्षिक व्याख्यान का आयोजन
जर्नल ऑफ एशियन आर्ट, कल्चर एंड लिटरेचर (जैकेल) एवं एशियन लिटरेरी सोसाइटी ने 12 दिसंबर 2020 को वार्षिक व्याख्यान का आयोजन किया जिसमें डॉ. ए. जे. थॉमस (प्रसिद्ध लेखक, कवि एवं पूर्व संपादक, इंडियन लिटरेचर, साहित्य अकादमी) ने “आने वाले वर्षों में एशियाई साहित्य के लिए नयी चुनौतियाँ और नए अवसर” विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए ।
श्री मनोज कृष्णन (मुख्य संपादक, जर्नल ऑफ एशियन आर्ट, कल्चर एंड लिटरेचर (जैकेल) एवं संस्थापक, एशियन लिटरेरी सोसाइटी) ने इस बहुप्रतीक्षित वार्षिक कार्यक्रम की अध्यक्षता की। कार्यक्रम के आरम्भ में उन्होंने विश्व में एशियाई कला, संस्कृति और साहित्य के प्रसार के एशियन लिटरेरी सोसाइटी एवं जर्नल ऑफ एशियन आर्ट, कल्चर एंड लिटरेचर (जैकेल) के मिशन के बारे में दर्शकों को बताया।
डॉ. ए. जे. थॉमस ने साहित्य अकादमी के भारतीय साहित्य के इंडियन लिटरेचर जर्नल के संपादन के अपने अनुभवों को साझा किया, जिसने उन्हें भारत की चौबीस राष्ट्रीय भाषाओं से साहित्य के मानसिक मानचित्र विकसित करने में मदद की।
दक्षेस साहित्य संघ के कोर कमिटी के सदस्य और दक्षिण कोरिया के संस्कृति विभाग के मानद फैलो डॉ. ए. जे. थॉमस वैश्विक मंचों पर एशियाई साहित्य के सामने आने वाली चुनौतियों से काफी परिचित रहे हैं। उन्होंने इस वार्षिक व्याख्यान के दौरान इस पर विस्तार से चर्चा की।
डॉ. ए. जे. थॉमस ने साहित्य अकादेमी द्वारा आयोजित राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों, अंतर्राष्ट्रीय लेखन कार्यक्रम और वाशिंगटन में आयोजित अमेरिकन राइटर्स फेडरेशन के वार्षिक सम्मेलन का भी जिक्र किया ।
उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप में प्रवासी समुदायों के लेखकों एवं बुद्धिजीवियों के साथ हुए विचार-विमर्श के बारे में बताया । साथ ही उन्होंने पश्चिम में एशियाई साहित्य के प्रसार की प्रबल सम्भावना से दर्शकों को अवगत कराया।
कार्यक्रम के अंत में, श्री मनोज कृष्णन ने वार्षिक व्याख्यान के लिए डॉ। ए। जे। थॉमस का हार्दिक आभार व्यक्त किया और दर्शकों का धन्यवाद किया।
जर्नल ऑफ़ एशियन आर्ट, कल्चर एंड लिटरेचर (जैकेल) और एशियन लिटरेरी सोसाइटी द्वारा आयोजित पहले वार्षिक व्याख्यान को दुनिया भर के दर्शकों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली तथा उन्होंने कोरोनो वायरस महामारी के समय शुरू की गई इस साहित्यिक पहल की भूरी-भूरी प्रशंसा की।