प्रार्थना हाथ जोड़ करती वह अजन्मी बच्ची
पैरों की धौकनी चलाती कहती बात सच्ची
मन प्राण फूंक फूंक, दी जो तुमने मुझे मां के अंदर एक शक्ति ,
कन्या जानकर, मृत्यु पथ पर भेजना ही क्या है तुम्हारी भक्ति?
हे मातपिता !मेरी सृष्टि, मेरी कृति के कारक
मैं सौभाग्य से ही जी जाऊंगी, ले आओ मुझे तुम इस जग में हंसते-हंसते।
मत घबराओ मत पीछे हटो तुम, करो वो कृत्य जो सबसे हटके
इस सृजन में साथ दो तुम ,मातपिता बन ऊंचे उठो तुम मां के उदर से आज करती मैं यह कामना
सदा खुश रहो दो सद्बुद्धि सभी को ,
ले आओ मुझे तुम इस जग में ,भर प्रेमसिक्त बाहुपाश
खिलती कली जैसी तब महकूँगी तुम्हारे आंगन में चहकूँगी,
हे मातपिता ! है मेरी तुमसे यह अर्चना
मत मारो मुझे !
दो जीने का अधिकार मुझे !
दो जीने का अधिकार मुझे !