Press Release
Asian Literary Society and India Habitat Centre organized a panel discussion on the book- A “Trails of Hope: An Anthology of Articles on Effective Teaching Strategies for People with Special Needs
Asian Literary Society in association with India Habitat Centre organized a panel discussion on the book- A “Trails of Hope: An Anthology of Articles on Effective Teaching Strategies for People with Special Needs on 30th Sep 2023 at Gulmohar Hall, India Habitat Centre, New Delhi.
Manoj Krishnan (Editor and founder, Asian Literary Society), Sumita Kakkar, Founder (Gyandeep Growth Foundation), Anita Chand (Administrator, ALS), and Dr. Shweta Mathur Lall (Consultant, Apollo Hospital) were the panelists. This discussion was moderated by Vandana Bhasin (Editor, ALSphere Magazine). ALS community leaders and members Kiren Babal, Mousumee Baruah, Neeti Parti, Vandana Saxena, and Swati Sharma also addressed the esteemed audience.
Manoj Krishnan shared the vision behind this book project and thanked all who contributed to this anthology. He also talked about the Asian Literary Society and ALS Parwaaz Forum and highlighted their initiatives for special needs people. Sumita Kakkar shared her review of the book. Dr. Shweta Mathur Lall and Anita Chand talked about the need for such projects and shared their experience of working with the special needs community.
“Trails of Hope: An Anthology of Articles on Effective Teaching Strategies for People with Special Needs” is a sincere attempt to bring medical professionals, NGOs, volunteers, parents, educationists, and subject matter experts together, and come up with strategies that can help the special needs people in their training, education, and development. This book has been edited and compiled by Manoj Krishnan. Merry Barua, Indrani Chatterjee, Nisha Tandon, Fionika Sanghvi, Kavita Sharma, Dr. Griva Shah, Dr. Mona Patel, Dr. RM. Sundar Kumar, Vikash K Mishra, Dr. Shweta Mathur Lall, Jayashree Bhattacherjee, Vandana Saxena, Dr. Lalita Vaitheeswaran, Dr. Sujata Chatterjee, Akhil S. Paul, Nishath Kirmani and Zeba Hashmi have contributed their articles in this anthology.
प्रेस विज्ञप्ति
एशियन लिटरेरी सोसाइटी और इंडिया हैबिटेट सेंटर द्वारा “ट्रेल्स ऑफ होप: एन एंथोलॉजी ऑफ आर्टिकल्स ऑन इफेक्टिव टीचिंग स्ट्रैटेजीज फॉर विद पीपल विद स्पेशल नीड्स” पर एक पैनल चर्चा का आयोजन
एशियन लिटरेरी सोसाइटी ने इंडिया हैबिटेट सेंटर के सहयोग से 30 सितंबर 2023 को गुलमोहर हॉल, इंडिया हैबिटेट सेंटर,नई दिल्ली में पुस्तक- “ट्रेल्स ऑफ होप: एन एंथोलॉजी ऑफ आर्टिकल्स ऑन इफेक्टिव टीचिंग स्ट्रैटेजीज फॉर विद पीपल विद स्पेशल नीड्स” पर एक पैनल चर्चा का आयोजन किया।
मनोज कृष्णन (संपादक और संस्थापक, एशियन लिटरेरी सोसाइटी), सुमिता कक्कड़, संस्थापिका (ज्ञानदीप ग्रोथ फाउंडेशन), अनीता चंद (प्रशासिका, एएलएस) और डॉ. श्वेता माथुर लाल (सलाहकार, अपोलो अस्पताल) इसके पैनलिस्ट थे। इस चर्चा का संचालन वंदना भसीन (सम्पादिका, एएलस्फ़ेयर मैगज़ीन) द्वारा किया गया। एएलएस समुदाय की किरण बाबल, मौसमी बरुआ, नीति परती, वंदना सक्सेना और स्वाति शर्मा ने भी इस अवसर पर दर्शकों को संबोधित किया।
मनोज कृष्णन ने इस पुस्तक की पृष्ट्भूमि और उदेश्य के बारे में श्रोताओं को अवगत कराया और इस संकलन में योगदान देने वाले सभी लेखकों को धन्यवाद दिया। उन्होंने एशियन लिटरेरी सोसाइटी और एएलएस परवाज़ फोरम के बारे में भी बात की और दिव्यांगों के लिए उनकी पहल पर प्रकाश डाला। सुमिता कक्कड़ ने पुस्तक पर अपनी समीक्षा साझा की। डॉ. श्वेता माथुर लाल और अनीता चंद ने ऐसी पुस्तकों की आवश्यकता के बारे में बात की और दिव्यांगों के साथ काम करने के अपने अनुभव साझा किए।
“ट्रेल्स ऑफ होप: एन एंथोलॉजी ऑफ आर्टिकल्स ऑन इफेक्टिव टीचिंग स्ट्रैटेजीज फॉर विद पीपल विद स्पेशल नीड्स” चिकित्सकों, गैर सरकारी संगठनों, स्वयंसेवकों, माता-पिता, शिक्षाविदों और विशेषज्ञों को एक साथ लाकर दिव्यांगों के प्रशिक्षण, शिक्षा और विकास सम्बन्धी विषयों के लेखों का संकलन है। इस पुस्तक का संपादन और संकलन एशियन लिटरेरी सोसाइटी के संस्थापक, मनोज कृष्णन द्वारा किया गया है। मेरी बरुआ, इंद्राणी चटर्जी, निशा टंडन, फियोनिका संघवी, कविता शर्मा, डॉ. ग्रिवा शाह, डॉ. मोना पटेल, डॉ. आरएम. सुंदर कुमार, विकाश के मिश्रा, डॉ. श्वेता माथुर लाल, जयश्री भट्टाचार्जी, वंदना सक्सेना, डॉ. ललिता वैथीस्वरन, डॉ. सुजाता चटर्जी, अखिल एस. पॉल, निशथ किरमानी और ज़ेबा हाशमी ने इस संकलन में अपने लेख दिए हैं।