घर छोड़कर कहीं गये हो और
जिन्दा हो तो
घर अपनी जगह पर ही खड़ा गर मिल
जाये तो
घर वापसी की सम्भावना है
यह दुनिया ही छोड़ कर जो चले गये हो तो
आंखें पथरा गई तुम्हारी बाट
जोहते जोहते
तुम कहां वापस लौटकर आते हो
घर वापसी की तुम कैसे सोच
सकते हो
आना भी चाहो वापिस तो
कैसे तुम्हें कोई पहचानेगा
हवा बनकर आओगे या
मेरी खिड़की से अंदर आकर
मेरे माथे पर अपनी अंगुलियों को
फेर जाओगे या
बादल बनकर अपने घर की छत पर
बरस जाओगे
कई बार तो घर के कमरे के
कोने में कहीं भी
एक हवा का झोंका नहीं होता
फिर भी उस कमरे में पड़ा
सामान
दिल की धड़कन सा
कपकपाता है जैसे कोई
भूचाल आया हो
खिड़की से बाहर मैं झांकू तो
कभी कोई जीव गुजर रहा होता है
आवाज देने पर मेरी रुक जाता है
मेरे घर की छत के ऊपर
आसमान से जो कोई पंछी
उड़कर गुजर जाता है और
मुझे देख छत पर उतर आता है तो
मुझे लगता है कि
यह तुम ही हो
इस नये जन्म में
नये रूप में अपने
पुराने घर मुझसे मिलने आये हो
यह घर अभी भी तुम्हारा है और
मैं भी तुम्हारी
इस बार कहीं मत जाना
अपने घर में मेरे पास
यहीं ठहर जाना
चाहो तो छत पर ही रह लेना
घर के अंदर मत आना
जैसा तुम्हारा दिल करे
वैसा सबकुछ कर लेना लेकिन
मैं तुमसे मिलकर
तुम्हें वापस अपनी आंखों से देखकर
प्रत्यक्ष रूप में तुम्हें हासिल करके
बहुत खुश हूं और
घर वापसी पर मैं तुम्हारा
तहे दिल से स्वागत करती हूं।