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साहस

साहस

किसी व्यक्ति में कहां से

आता है

इसे पाने का क्या होता है

स्रोत

कभी कभी

कोई साहसी मनुष्य भी

एकाएक हारा हुआ महसूस क्यों

करता है

इसके पीछे कारण भी कोई विशेष नहीं

होता

अपनी गति को थोड़ा धीमे करता है

खुद को कुछ समय के लिए विश्राम की

स्थिति में लाता है

फिर न जाने कहां से साहस को

बटोरता है और

फिर निकल पड़ता है

एक योद्धा सा ही

जीवन के युद्ध के मैदान में

जब तक जीवन है

स्वयं के हाथों से कम से कम

खुद को कोई पराजित न करे

शायद यही सोचकर

एक बार फिर पूरे साहस के साथ

जोशो खरोश के साथ

पूरे दमखम के साथ

उठ खड़ा होता है

मरो तो एक बार ही मरो

यह जीवन जीते हुए

बार बार मरना कुछ अच्छा

प्रतीत नहीं होता

जीव जंतुओं को देखो

पक्षियों को देखो

इस जहां में हर कोई ही अकेला

है

खुद से जूझ रहा है

अपनी लड़ाई अकेले लड़ रहा है

हम मनुष्य जाति को तो भी

मिल जाता है कहीं न कहीं से

सहारा

बाकी पशुओं, पक्षियों आदि को

देखो

यह कितने साहसी हैं

एक छोटी सी चिड़िया अपना

एक दाना जुटाने के लिए

दिनभर कितनी मेहनत करती है

कितनी साहसी है

कहने को तो नन्ही सी है

एक चींटी के साहस की कहानियों से

कौन नहीं परिचित और

फिर हमारे देश का इतिहास

साहसी महापुरुषों की

गाथाओं से भरा पड़ा है

इस धरा पर रहने वाला

हर वासी है महान और साहसी

इनमें से कोई नहीं है आम

मैं इन सबसे कुछ न कुछ क्यों न

सीखूं और

अपने में साहस का दम क्यों न

भरूं।