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रंग भरे मौसम में: सरिता त्रिपाठी द्वारा रचित कविता

रंग भरे मौसम में, तुम भी तो रंगीन बनो
सतरंगी दुनिया से, जीवन में कुछ रंग चुनो
पीला रंग फूलों से ले लो
पीतांबर संग झूले झूलो
श्वेत चाँदनी से मन के
क्यारी में अब तुम फूलो
रातरानी के खुशबू से, मन मंदिर के द्वार सनों
सतरंगी दुनिया से, जीवन में कुछ रंग चुनो
केसर से केसरिया लेकर
पलाश से अग्नि बनकर
धरती के चूनर धानी पे
कली जरा गुलशन खिलकर
भाये जो सबके मन को, वो नया आकार बुनो
सतरंगी दुनिया से, जीवन में कुछ रंग चुनो
नीला बैगनी या हो गुलाबी
रंगो में न होय खराबी
गोरे काले का भेद नहीं
रंगो की है अपनी शबाबी
हर रंग में ढालकर खुद को, कुछ तो आयाम जनों
सतरंगी दुनिया से, जीवन में कुछ रंग चुनो