इस होली तुम क्या उपहार लाये हो मेरे लिये
‘रंगों की सौगात’
यह उपहार मेरे लिये सर्वश्रेष्ठ है
इस समय मैं अपने जीवन के ऐसे मोड़ पर खड़ी हूं जहां मुझे रंग चाहिए
कोई ऐसा जो मेरे लिए रंगों की सौगात लाये
रंगों का उपहार लाये, रंगों का सामान लाये, रंग भरे सपने लाये
रंग भरा एक प्यार भरा मन का दर्पण लाये
उसे मुझे दिखाये
खुद भी मेरे साथ रंगों से खेले और मुझ संग मिलकर उसमें रम जाये
समा जाये
एक रंग में घुल जाये
मेरे मन से मिल जाये
मेरा दिल जो चाह रहा
वैसा ही यथार्थ में कुछ हो जाये
यह जीवन लगे मुझे जीवंत सा
रंगीन एक सुंदर सपने सा
एक सजीले नौजवान सा
मेरे किसी अपने सा
मेरे किसी पूर्ण होते रंगीन
एक सदियों से रंगहीन अपूर्ण सपने सा।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001
हिन्दी काव्य प्रतियोगिता 64
#alshindi #64
(रंगों की सौगात) में
द्वितीय पुरस्कार विजेता (26.03.2023)