in

नूतन वर्ष: मनीषा अमोल द्वारा रचित कविता

एक नए वर्ष का आगमन
भर देता मन में कई उमंग
नये अवसर और नये जोश का
हो जाता जब अनूठा संगम

जागृत होती नई चेतना
रोशन होते आशाओं के दर्पण
नई ऊर्जा से सराबोर
जन्म लेता नया वातावरण

नित नूतन नए ख़्वाब लिए
इच्छाओं का हुंकार लिए
गति अविरल, कर मन उल्लासित
खुल जाते हैं आयाम नये

बीते साल में छूट गए जो
अधूरे सपनों को करने पूर्ण
ध्यान को अपने केंद्रित कर
इस नूतन वर्ष में हो सम्पूर्ण

चेहरे पर मुस्कान लिए
सजाकर एक माहौल खुशनुमा
संजो पायें हमारे इर्द गिर्द
अपनों के जीवन का सपना