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तुम्हारे सुंदर कल्पनाओं के जंगल में गर जो कोई आग लगा दे

अपने जीवन में

कभी तुमने कोई जंगल देखा है

जंगल में रहकर देखा है

पशुओं के बीच रहकर

देखा है

हिंसक पशुओं के बीच

रहने का दुस्साहस क्या

कर सकते हो तुम

उसके लिये जोखिम उठा

सकते हो

अपनी जान को खतरे में डाल

सकते हो

एक साधु या किसी योगी

की तरह

जंगल में जाकर

वहां नदी किनारे किसी

शांत वातावरण में

एक कुटिया बनाकर

तपस्या कर

अपना जीवन यापन कर सकते हो

तुम

सड़क से किसी यात्रा पर

जाते

कोई जंगल रास्ते में पड़ा

तुम्हारे

जंगल सच में देखने का

जो तुम्हें अनुभव नहीं तो

किसी चित्र में

किसी फिल्म में

किसी समाचार में

ऐसे ही किसी माध्यम के

सहयोग से जंगल की

यात्रा का अनुभव कभी

किया है तुमने

एक जंगल तुम्हारे मन के

भीतर भी है

उसका कभी भ्रमण किया है

वहां जाकर देखो तो

बताना कि तुम्हें

कैसा लगा

हकीकत से परे यह

कल्पना कितने यथार्थ पर

टिकी थी

तुम्हारे इस सुंदर कल्पनाओं के

जंगल में गर जो कोई

आग लगा दे और

तुम्हें पानी का कोई स्रोत

मिले ही नहीं

इसकी आग को बुझाने के

लिए

तुम भी कहीं इसकी चपेट में

आ गये तो

क्या करोगे

तुम और तुम्हारी

कल्पनाएं सब राख हो

जायेंगी

इस जंगल में लगी आग के

साथ

गर जो तुम किसी तरह से

खुद को बचा पाने में सफल हुए तो

क्या एक नये सिरे से

फिर से अपने जीवन का

आरम्भ कर पाओगे

फिर से अपनी कल्पनाओं के

झरोखे से

एक नये

इस बार कुछ और घने

जंगल की रचना कर पाओगे

इस बार कुछ इस तरह के

प्रबन्ध क्या समय रहते कर

पाओगे कि

तुम्हारे जंगल में आग न लगे

और

तुम अपनी कल्पनाओं की

नित नई उड़ानें भरकर

इसके आकाश में

इधर उधर मंडराते

दिख पाओ।