in

रेगिस्तान के सीने पर

रेगिस्तान के बारे में

कोई कहानी लिखनी हो तो भला कोई

कैसे लिखे

जिस तरफ भी नजर दौड़ाओ

बस रेत ही रेत भर तो दिखती है

रेगिस्तान पर इतना है खाली

इतना एकाकी

इतना वीरान कि

इसके दिल में इतनी जगह है कि

जितनी चाहे कोई अपनी कहानियां,

परेशानियां,

रूहानी निशानियां

इसके सीने पर लिखना चाहे तो

लिख दे

यह नम आंखों से सब पढ़ लेगा

सब समझ लेगा

अपने साथ ही हर किसी के राज

रेत की परतों के नीचे दफन

कर लेगा

रेगिस्तान में भटकने पर

आखिरकार कुछ तो हासिल होगा ही

रुह को चैन मिले

यही हो एक दिल का रास्ता

किसी राही की मंजिल और

रेगिस्तान बने उसका हमसफर तो

सफर का आगाज चाहे लगे

मुश्किल लेकिन अंजाम होगा

एक दिलकश ख्वाब

एक फूलों की घाटी और

एक हसीन मंजिल।