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रंगों भरे मौसम में: डॉ. सोनिया गुप्ता द्वारा रचित कविता

मन में उठती नईं तरंगे, रंगों भरे मौसम में,
भर देते हैं खुशियाँ ढेरों, रंग ये जीवन में !
नीला, पीला, हरा, गुलाबी, लाल, बैंगनी, सतरंगी,
हरिक रंग है न्यारा खुद में, रंग डाले दुनिया बेरंगी,
इन रंगों के होने से, प्रेम जगे है तन मन में !

रंगों का मौसम जब आए, मधुर मिलन की बेला लाए,
प्रिय प्रियसी मिलते ऐसे, जैसे श्याम राधा मिल जाए,
चले प्रेम की पुरवईया, रंगों के इस फागुन में !

इन रंगों में जादू ऐसा, सबको अपने रंग में रंग डालें,
नहीं भेद हो ऊँच नीच का, गौरे हों या हों कोई काले,
सब पर चढ़ता रंग ख़ुशी का, झलके है जो नैनन में !

आओ सखी सहेली आओ, भर पिचकारी हाथ में लाओ,
मन के सारे बैर मिटाकर, इन रंगों में सब रंग जाओ,
खुशियों की किलकारी गूँजे, आज सभी घर आंगन में !

मौसम ख़ास बहुत फागुन का, सारी सृष्टि झूमे गए,
फागुन के इन रंगों में, देव देवियां भी रंग जाए,
मधुर गीत की गुनगुन होती, इस जग के हर कण कण में !